Fundamental Analysis In Hindi – स्टेप बाई स्टेप सीखें फंडामेंटल एनालिसिस करना

अगर आप शेयर मार्केट में पहली बार निवेश करने जा तो आपके मन में भी प्रश्न होगा “Share Market me invest Kaise kare” आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हमलोग Fundamental Analysis in Hindi और Fundamental Analysis Of Stock के बारे में विस्तार से सीखेंगे।

किसी भी कंपनी के स्टॉक में निवेश करने से पहले हमें कंपनी के बारे में सभी जानकारी प्राप्त करना होता है ताके आपका निवेश सही स्टॉक में हो और आपका धन बढ़ता रहे एवं भविष्य में उस निवेश पर अच्छा रिटर्न मिले। तो चलिए मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis in Hindi) के तरीके ,सावधानियां एवं उपयोगिता का अध्यन करें।

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Fundamental Analysis In Hindi - मौलिक विश्लेषण का तात्पर्य

फंडामेंटल एनालिसिस को हम इस उद्धरण से समझते है। मान लीजिये कभी आप किसी को अपने पैसे उधर देते है तो उससे पहले ये सब जरूर सुनिश्चित करते है की जिसे हम पैसे दे रहे वो वैसा वापस कर पायेगा या नहीं , कितने दिनों में वापस करेगा ,कही पैसा डूबेगा तो नहीं। इन सभी बातों को सुनिश्चित करते है ताके आपका पैसा सुरक्षित रहे और वापस मिले। ये आप उस इंसान का फंडामेंटल एनालिसिस किये।

ठीक उसी प्रकार फंडामेंटल एनालिसिस(Fundamental Analysis) होता है। अगर हम किसी कम्पनी के स्टॉक में फंडामेंटल अनलयसिस कर लें तो नुकसान से बच सकते है एवं भविष्य मेंअच्छा रिटर्न भी प्राप्त कर सकते है। फंडामेंटल एनालिसिस का मकसद निवेश सही वैल्यूएशन पर हो और हमें निवेश पर अच्छा लाभ मिल सके।

Importance of Fundamental Analysis - मौलिक विश्लेषण का महत्व

शेयर मार्केट में निवेश कर के सभी लोग लाभ कामना चाहते है परन्तु बिना फंडामेंटल एनालिसिस के बाजार में लाभ अर्जित करना मुश्किल है। मौलिक विश्लेषण निवेश का प्रमुख अस्त्र है। जो आपको लॉस से बचता है तथा भविष्य में अच्छा रिटर्न दिला सकता है। आइये फंडामेंटल एनालिसिस के कुछ प्रमुख बातों को समझते हैं।

  • किसी भी कंपनी के स्टॉक को सही कीमत पर खरीदने और बेचने में सहायक।
  • भविष्य में कंपनी के ग्रोथ का अनुमान लगाने में सहायक।
  • निवेश से पहले कंपनी की वित्तीय स्तिथि तथा कर्ज़े का पता लगाने में सहायक।
  • शेयर मार्केट में घटिया शेयर में निवेश से बचता है मौलिक विश्लेषण।
  • वैसी कंपनियां जो घाटे में चल रही है उनमे निवेश और लॉस से बच सकते हैं फंडामेंटल के माध्यम से।
  • भविष्य में कंपनी के स्टॉक के प्राइस का अनुमान लगाने में सहायक।
  • निवेश से होने वाले नुकसान से बचता है मौलिक विश्लेषण।

Types Of Fundamental Analysis - मौलिक विश्लेषण के प्रकार

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मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) मुख्य रूप से दो प्रकार से किया जाता है।

  1. गुणात्मक विश्लेषण (Qualitative Analysis)
  2. मात्रात्मक विश्लेषण (Quantitative Analysis)

गुणात्मक विश्लेषण (Qualitative Analysis)- इस तरह के फंडामेंटल एनालिसिस में कम्पनी के मैनेजमेंट का निर्णय , कंपनी का परफॉर्मेंस ,ब्रांड वैल्यू , भविष्य की योजना तथा अन्य करक शामिल होते है।

मात्रात्मक विश्लेषण (Quantitative Analysis)- मात्रात्मक विश्लेषण में कंपनी की वित्तीय स्टेटमेंट की जाँच की जाती है तथा नंबर्स की जांच की जाती है तथा उसके स्टॉक के सही मूल्य का आकलन किया जाता है।

Fundamental Analysis In Hindi - मौलिक विश्लेषण कैसे करें

किसी कम्पनी का मौलिक विश्लेषण करने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर अध्यन करना आवश्यक है –

  1. Cash Flow Statement- कंपनी का कैश फ्लो स्टेटमेंट
  2. Profit Loss Statement- लाभ हानि का स्टेटमेंट
  3. Debt to Equity Ratio-डेब्ट-टू-इक्विटी रेशियो
  4. Read The Company’s Annual Report -कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट अध्यन करना
  5. Business model of the company- कंपनी के बिजनेस मॉडल को समझे
  6. कंपनी के भविष्य के योजना का अध्यन
  7. प्रमोटर्स की शेयर होल्डिंग
  8. कंपनी के इंडस्ट्री का एनालिसिस करना

Cash Flow Statement- कंपनी का कैश फ्लो स्टेटमेंट

Cash Flow Statement- कंपनी का कैश फ्लो स्टेटमेंट से ये पता चलता है की कंपनी कितना प्रतिशत नगद कारोबार करता है तथा कितना प्रतिशत क्रेडिट पर कारोबार करता है। जितनी अधिक मात्रा में कंपनी नगद कारोबार करती है वह कंपनी के लिए अच्छा माना जाता है।

Profit Loss Statement- लाभ हानि का स्टेटमेंट

Profit Loss Statement- लाभ हानि का स्टेटमेंट से कंपनी का निम्नलिखित चीज़ें पता चलती है।

  • वार्षिक या तिमाही में कंपनी की कुल आमदनी
  • प्राप्त आय पर कन्य का कुल खर्च
  • टैक्स तथा अन्य खर्च

Debt to Equity Ratio-डेब्ट टू-इक्विटी रेशियो

Debt to Equity Ratio-डेब्ट टू-इक्विटी रेशियो से कंपनी के लोन अमाउंट को दर्शाता है और डेब्ट टू-इक्विटी रेशियो जितना काम होता है वो कंपनी के लिए अच्छा माना जाता है।

Read The Company’s Annual Report -कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट अध्यन करना

सभी कंपनियां अपना सालाना रिपोर्ट पेश करती है जिसमे कंपनी द्वारा कारोबर की राशि ,टैक्स ,प्रॉफिट लॉस के साथ और भी कई विवरण दिए जाते है जो की मौलिक विश्लेषण का खास अंग होता है।

Business model of the company- कंपनी के बिजनेस मॉडल को समझे

मौलिक विश्लेषण का सबसे जरुरी हिस्सा कंपनी के बिज़नेस मॉडल को समझना होता है। बिज़नेस मॉडल को समझने के लिए निम्नलिखित बिन्दों पर अध्यन करना चाहिए।

  • कंपनी क्या काम करती है।
  • कंपनी पैसा कैसे कमेटी है।
  • प्रोडक्ट बनाने के लिए कम्पनी किस चीज़ का प्रयोग करती है तथा प्रोडक्ट पर कितना खर्च करती है।
  • कंपनी खुद को बड़ा करने के लिए क्या करती है।
  • उसके रेवेनुए का मुख्या जरिया क्या है।
  • कंपनी का मार्जिन कितना है, तथा यह किन किन तथ्यों से प्रभावित होती है।

कंपनी के भविष्य के योजना का अध्यन

किसी भी कंपनी को बड़ा करने के लिए उड़के पास भविष्य में कार्य की योजना होती है। अधिक लाभ कमाने के लिए कंपनी को फ्यूचर प्लान सेट करना होता है तथा उसपे कार्य करती है। मौलिक विश्लेषण में कंपनी की भविष्य की योजना को जनना बहुत जरुरी होता है।

प्रमोटर्स की शेयर होल्डिंग

वे लोग जिन्हें कंपनी के बिजनेस में भरोसा होता है वे लोग कंपनी में बड़ा निवेश करते है।इन्ही लोग को कंपनी का प्रमोटर कहा जाता है। जिस कंपनी के 60 प्रतिशत से अधिक शेयर कंपनी के प्रमोटर के पास होता है उन कंपनी को पॉजिटिव नज़रिए से देखा जाता है। 

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Summery - सारांश

Fundamental Analysis In Hindi के इस आर्टिकल में हमने फंडामेंटल एनालिसिस को विस्तार से सीखा एवं Fundamental Analysis करने का सही तरीका एवं मौलिक विश्लेषण का महत्वा को समझा है। उम्मीद करता हु आपको Fundamental Analysis In Hindi का ये आर्टिकल पसंद आया होगा। फिर भी कोई डाउट हो तो कमेंट अवश्य करें।

Fundamental Analysis In Hindi- Frequently Asked Question

1.मौलिक विश्लेषण से आप क्या समझते हैं?

किसी भी कंपनी के स्टॉक में निवेश करने से पहले हमें कंपनी के बारे में सभी जानकारी प्राप्त करना होता है ताके आपका निवेश सही स्टॉक में हो और आपका धन बढ़ता रहे एवं भविष्य में उस निवेश पर अच्छा रिटर्न मिले। 

फंडामेंटल एनालिसिस का मकसद निवेश सही वैल्यूएशन पर हो और हमें निवेश पर अच्छा लाभ मिल सके।

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